केंद्र और राज्य सरकारें पशुपालन क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ चला रही हैं। इन्हीं प्रयासों में से एक है राजस्थान सरकार की “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना”। यह योजना पशुपालकों को उनके मवेशियों का बीमा कराने की सुविधा देती है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं और अन्य घटनाओं में उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
योजना का विवरण और लाभ
इस योजना के तहत राज्य के किसान गाय, भैंस, बकरी, भेड़, और ऊँट का बीमा मुफ्त में करा सकते हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और पशुपालन को बढ़ावा देना है।
मुख्य विशेषताएँ:
पशु का प्रकार | बीमा राशि | आयु सीमा |
---|---|---|
गाय और भैंस | ₹40,000 तक | 3-12 वर्ष (गाय), 4-12 वर्ष (भैंस) |
बकरी और भेड़ (मादा) | ₹4,000 | 1-6 वर्ष |
ऊँट | ₹40,000 तक | 2-15 वर्ष |
योजना के तहत 22 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस पहल के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
चयन प्रक्रिया और पात्रता
योजना में आवेदन करने वाले लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रणाली द्वारा किया जाएगा, यदि निर्धारित समय सीमा में आवेदनों की संख्या लक्ष्य से अधिक हो जाती है।
पात्रता मानदंड:
- प्राथमिकता:
- गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक
- “लखपति दीदी” योजना से जुड़ी महिलाएँ
- आरक्षण:
- अनुसूचित जाति: 16%
- अनुसूचित जनजाति: 12%
- बीमित पशुओं की संख्या:
- 2 दुधारू पशु (गाय/भैंस)
- 10 बकरी/भेड़
- 1 ऊँट
पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है, और यह बीमा केवल उन्हीं पशुओं पर लागू होगा जो किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं हैं।
बीमा क्लेम और प्रक्रिया
बीमा के तहत प्राकृतिक आपदाओं या आकस्मिक घटनाओं में मवेशियों की मृत्यु पर मुआवजा दिया जाएगा।
क्लेम की प्रक्रिया:
- बीमा जारी होने के 21 दिन बाद ही क्लेम का लाभ उठाया जा सकता है।
- दुर्घटना की सूचना बीमा विभाग को तुरंत देनी होगी।
- पशु चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनिवार्य है।
- दावा भुगतान 21 कार्य दिवस के भीतर पूरा किया जाएगा।
किन परिस्थितियों में मिलेगा क्लेम?
- आग लगना
- सड़क दुर्घटना
- प्राकृतिक आपदा
- जहरीले पदार्थ का सेवन
- सर्पदंश या कीड़े का काटना
आवश्यक दस्तावेज
ऑनलाइन आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:
- जन आधार कार्ड
- पशुपालक और पशु की फोटो
- जाति प्रमाण-पत्र
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- गोपाल कार्ड/लखपति दीदी कार्ड (यदि उपलब्ध हो)
- पशुओं का टैग नंबर
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक पशुपालक mmpby.rajasthan.gov.in या MMPBY मोबाइल एप के माध्यम से 22 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, ई-मित्र केंद्र पर भी आवेदन प्रक्रिया उपलब्ध है। बीमा पॉलिसी से संबंधित जानकारी SMS के माध्यम से दी जाएगी।
योजना से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश
- टैग गुम होने पर पुनः टैगिंग करानी होगी।
- पशु की बिक्री या उपहार देने की स्थिति में बीमा पॉलिसी समाप्त मानी जाएगी।
- मृत पशु की सूचना तुरंत बीमा विभाग को देना आवश्यक है।
- बीमा विभाग और पशु चिकित्सक द्वारा सर्वे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. मंगला पशु बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को उनके मवेशियों की सुरक्षा प्रदान करना और पशुपालन क्षेत्र को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
2. इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
पशुपालक MMPBY मोबाइल एप, वेब पोर्टल, या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
3. बीमा की अधिकतम राशि कितनी हो सकती है?
गाय, भैंस और ऊँट के लिए ₹40,000 और बकरी/भेड़ (मादा) के लिए ₹4,000 तक का प्रावधान है।
4. क्या बीमा के लिए कोई प्रीमियम देना होगा?
नहीं, यह बीमा पूरी तरह से निःशुल्क है।
5. बीमित पशु की आयु सीमा क्या है?
गाय: 3-12 वर्ष, भैंस: 4-12 वर्ष, बकरी/भेड़: 1-6 वर्ष, ऊँट: 2-15 वर्ष।
इस योजना के माध्यम से राजस्थान सरकार ने पशुपालन को नए आयाम देने और पशुपालकों की आय में वृद्धि का महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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