कृषि क्षेत्र में सिंचाई का विशेष महत्व है क्योंकि यह फसलों की समय पर देखभाल और बेहतर उत्पादन के लिए अनिवार्य है। बिना पर्याप्त सिंचाई के, किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और मात्रा को बनाए रखने में असमर्थ हो सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना का परिचय
बिहार सरकार ने किसानों की मदद के लिए मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य राज्य के प्रत्येक किसान को बिजली कनेक्शन देकर सिंचाई को सरल और सुलभ बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार सितंबर 2026 तक 8 लाख 40 हजार कृषि विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। अब तक 5 लाख 42 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं, और शेष कनेक्शन जल्द ही दिए जाएंगे।
किसानों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन
बिहार सरकार ने किसानों को उनके खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए निःशुल्क कृषि विद्युत कनेक्शन प्रदान करने की व्यवस्था की है। इसके तहत, डेडिकेटेड कृषि फीडरों का निर्माण किया जा रहा है और तार-पोल एवं अन्य विद्युत संरचनाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 28 फरवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।
योजना का नाम | मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना |
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लक्ष्य | 8 लाख 40 हजार कनेक्शन (सितंबर 2026 तक) |
अब तक दिए गए कनेक्शन | 5 लाख 42 हजार |
कनेक्शन शुल्क | निःशुल्क |
बिजली दर | 55 पैसे प्रति यूनिट (सब्सिडी के बाद) |
बिजली की लागत और सब्सिडी
किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मात्र 6.74 रुपये प्रति यूनिट की दर पर उपलब्ध कराई जाती है। सरकार इसमें 6.19 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देती है, जिससे किसानों को यह सुविधा केवल 55 पैसे प्रति यूनिट की दर पर मिलती है। यह कदम कृषि लागत को कम करने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा योगदान है।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है। किसान निम्न माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं:
- सुविधा ऐप: किसानों को आवेदन के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग करने की सुविधा दी गई है।
- वेबसाइट: किसान nbpdcl.co.in या sbpdcl.co.in पर आवेदन कर सकते हैं।
- स्थानीय शिविर: अपने क्षेत्र के नजदीकी विद्युत कार्यालय या शिविर में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड
- जमीन से संबंधित दस्तावेज
आवश्यक जानकारी समय पर साझा करें
सभी इच्छुक किसानों को अपने पंप अधिष्ठापन स्थल की जानकारी संबंधित विद्युत कार्यालय को जल्द से जल्द उपलब्ध करानी चाहिए। ऐसा करने से आवश्यक संरचनाओं का निर्माण समय पर पूरा किया जा सकेगा और कनेक्शन वितरण की प्रक्रिया में देरी नहीं होगी।
इस योजना के अतिरिक्त लाभ
- पर्यावरण संरक्षण: बिजली के बेहतर उपयोग से ऊर्जा का अनावश्यक अपव्यय रुकता है।
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि: समय पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने से फसल की पैदावार बढ़ती है।
- आर्थिक बचत: बिजली सब्सिडी किसानों को अधिक किफायती सिंचाई विकल्प प्रदान करती है।
- समय की बचत: आधुनिक बुनियादी ढांचे के चलते सिंचाई प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनती है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उनकी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए एक प्रभावशाली पहल है। यह योजना न केवल कृषि लागत को कम करती है, बल्कि उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाती है। इसके माध्यम से बिहार सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
A1: बिहार राज्य के सभी किसान जो अपने खेत में सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन चाहते हैं, इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Q2: आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?
A2: किसान 28 फरवरी 2025 तक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Q3: सब्सिडी के बाद बिजली की लागत कितनी होती है?
A3: सब्सिडी के बाद किसानों को बिजली मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर पर मिलती है।
Q4: आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
A4: आधार कार्ड और जमीन से संबंधित दस्तावेज आवेदन के लिए आवश्यक हैं।
Q5: बिजली कनेक्शन मिलने में कितना समय लगता है?
A5: आवेदन के तीन महीनों के भीतर किसानों को बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है।
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